मैदा, सूजी की त्योहारी मांग निकली, गेहूं 70 रुपए महंगा

उत्पादन में 50 लाख टन की कमी, भावों में और तेजी के आसार

सरकारी खरीद भी गत वर्ष के मुकाबले करीब 55 फीसदी कम हुई है

जयपुर, 27 जुलाई। गेहूं की कीमतों में एक बार फिर से तेजी का रूख बना है। जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं 70 रुपए और उछलकर बुधवार को 2350 रुपए प्रति क्विंटल बिक गया। मैदा एवं सूजी में त्योहारी मांग निकलने से भी गेहूं के भावों को मजबूती मिली है। गेहूं के उत्पादन में 50 लाख टन की कमी आने तथा बहुत कम समय में रिकार्ड निर्यात होने से गेहूं की कमी बताई जा रही है। सरकारी खरीद भी गत वर्ष के मुकाबले करीब 55 फीसदी कम हुई है। लिहाजा गेहूं में चौतरफा तेजी का रुख बना हुआ है। मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय गेहूं की डिमांड बढ़ गई है। परिणामस्वरूप ट्रेडर्स की प्रतिस्पर्धात्मक लिवाली चल रही है। यही कारण है कि मिस्त्र सहित लगभग 10 देशों के लिए भारत गेहूं का निर्यात कर रहा है। गौरतलब है कि बीते मई माह में सरकार ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, मगर कंडीशनल निर्यात अभी भी जारी है। यही कारण है कि गेहूं में रुक-रुककर तेजी का रुख बना हुआ है। उधर केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक ज्यादा नहीं है। खपत के लिए अभी पूरा वर्ष बाकी है। रोलर फ्लोर मिलों को अभी तक सरकार की ओर से सस्ता गेहूं नहीं मिल रहा है। इस बीच उत्पादक मंडियों में गेहूं 2250 से 2300 रुपए प्रति क्विंटल बोलने लगे हैं। मित्तल ने कहा कि इस समय राजस्थान की उत्पादक मंडियों में गेहूं की आपूर्ति काफी कम रह गई है। जिससे सरकार को देर सवेर केन्द्रीय पूल से गेहूं बेचना पड़ सकता है। फिलहाल वर्तमान भाव के गेहूं में निर्यात लिवाली को देखते हुए और तेजी के आसार बन सकते हैं।