गेहूं से 180 रुपए प्रति क्विटल महंगी बिकी मक्का
इंडोनेशिया के लिए कैटलफीड में मक्की के स्थान पर गेहूं का निर्यात
जयपुर, 13 जुलाई। वर्तमान में मक्का की कीमतें ऊंची होने से कैटलफीड में गेहूं की मांग निकलने लगी है। पौल्ट्री फार्म्स के लिए भी गेहूं की पूछ परख आने लगी है। उधर इंडोनेशिया ने पशु आहार के लिए मक्की के स्थान पर गेहूं आयात करना शुरू कर दिया है। गोरतलब है कि इस समय वैश्विक बाजार में मक्का की कीमतें ऊंची चल रही हैं। जुलाई डिलीवरी के लिए शिकागो मक्की के भाव 6.66 डॉलर प्रति ब्रुशेल यानी 19960 रुपए प्रति टन (1996 रुपए प्रति क्विंटल) बोले जा रहे हैं। जबकि जुलाई डिलीवरी शिकागो गेहूं वायदा 6.26 डॉलर प्रति ब्रुशेल अर्थात 17200 रुपए प्रति टन (1720 रुपए प्रति क्विंटल) चल रहा है। इस बीच उत्तर प्रदेश की अम्बुजा (गुजरात) डिलीवरी मक्का 1875 रुपए प्रति क्विंटल में व्यापार हुआ है। जानकारों का कहना है कि पौल्ट्री सेक्टर के लिए मक्का की तुलना में गेहूं करीब 180 रुपए प्रति क्विंटल सस्ता पड़ रहा है। भीलवाड़ा में ब्रोकर संजय अजमेरा के अनुसार जोधपुर डिलीवरी मक्का 1850 रुपए तथा अजमेर में मक्का के भाव 1800 रुपए प्रति क्विंटल मंगलवार को बोले गए। उधर बिहार की मक्का वहां लोकल मंडियों में 1750 से 1800 रुपए प्रति क्विंटल बिकने के समाचार हैं। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार वर्तमान में विशाखापटनम बंदरगाह पर मक्का निर्यात के लिए 21800 रुपए प्रति टन ऑफर की जा रही है। दक्षिण पूर्वी एशिया को निर्यात के लिए मक्का के भाव 310 डॉलर यानी 23150 रुपए प्रति टन एफओबी बोले जा रहे हैं। लिहाजा कहा जा सकता है कि मक्का में भविष्य फिलहाल तेजी का बना रहेगा।