ई-वे बिल की छूट सीमा 50 हजार से बढ़ाकर दो लाख रुपए की जाए

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला भारतीय उद्योग व्यापार मंडल

जयपुर, 29 मई। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम बिहारी मिश्र के नेतृत्व में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से विभिन्न मांगों को लेकर नई दिल्ली में मिला तथा ज्ञापन दिया। मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने ज्ञापन में कहा कि जीएसटी के कानूनों को सरलीकरण करने के लिए केन्द्र सरकार को बार-बार बताया जा चुका है, लेकिन जीएसटी काउंसिल ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट की गैर जरूरी धाराओं को भी समाप्त नहीं किया गया है। राष्ट्रपति को दिए गए ज्ञापन में व्यापारियों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:-

1 मंदिरों, गुरुद्वारों एवं जैन मंदिरों आदि में प्रसादी वितरण, भोजन प्रसादी एवं संतों द्वारा चलाए जा रहे अन्न क्षेत्रों को भी लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है, जिसे तुरंत हटाया जाना चाहिए।

2 सभी प्रकार के कृषि उत्पाद कर मुक्त की श्रेणी में लाए जाने चाहिए।

3 कपड़ा, शॉल, हैंडीक्राफ्ट एवं रद्दी पेपर को कर मुक्त किया जाए।

4 हार्डवेयर, वाशिंग सोप, बेकरी प्रॉडक्ट, दुपहिया वाहन के कल पुर्जे एवं बिस्किट्स को पांच फीसदी की श्रेणी में लाया जाए।

5 एक देश-एक कर मानते हुए पेट्रोल व डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए।

6 ऑटोमोबाइल व लुब्रीकेंट्स को 12 फीसदी की श्रेणी में लाया जाए।

7 तीन माह में एक बार रिटर्न ली जाए। रिटर्न को रिवाइज करने की छूट दी जाए, ओटीपी व्यवस्था समाप्त की जाए।

8 बिलवाइज स्टॉक का विवरण नहीं मांगा जाए। ई-वे बिल की प्रक्रिया सरल की जाए। इसमें 50 हजार रुपए की छूट सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपए किया जाए।

9 दुकान से गोदाम तथा गोदाम से इंडस्ट्री माल ले जाने के लिए ई-वे बिल की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

10 सीनियर सिटीजंस (65 साल) के बाद सभी को पेंशन मिले एवं सभी को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएं।

प्रतिनिधिमंडल में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के चेयरमैन मनोहरलाल कुमार, राष्ट्रीय महामंत्री विजय प्रकाश जैन, हरियाणा से आए बालकिशन अग्रवाल एवं महाराष्ट्र से आए किशोर भाई खारावाला आदि मौजूद थे।