mustard production : देश की मंडियों में प्रतिदिन 14 लाख बोरी सरसों की आवक

mustard production : देश की मंडियों में प्रतिदिन 14 लाख बोरी सरसों की आवक

mustard production : देश की मंडियों में प्रतिदिन 14 लाख बोरी सरसों की आवक
जयपुर
किसानों को सरसों की फसल का बेहतर मूल्य मिलने के कारण इस बार सरसों की बिजाई बढ़कर 91 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जबकि पिछले साल देश में 73 लाख हैक्टेयर में सरसों बोई गई थी। क्रॉप एस्टीमेट कमेटी के चेयरमैन अनिल चतर ने बताया कि बीते वर्ष सरसों सीड का उत्पादन 86 लाख टन के आसपास हुआ था, जो कि इस वर्ष बढ़कर करीब 111 लाख टन होने जा रहा है।

देश की मंडियों में प्रतिदिन 14 लाख बोरी सरसों की आवक

वर्तमान में देश भर की मंडियों में 14 लाख बोरी सरसों की दैनिक आवक होने लगी है, जबकि पिछले साल इन्हीं दिनों में 11 लाख बोरी सरसों मंडियों में प्रतिदिन उतर रही थी। चतर ने कहा कि देश में पिछले दो साल से सरसों तेल की खपत 25 से 30 फीसदी बढ़ी है। भरतपुर में हाल ही आयोजित दो दिवसीय रबी सेमिनार में मोपा के अध्यक्ष बाबूलाल डाटा, ऑयल मिलर्स एसोसिएशन भरतपुर के अध्यक्ष कृष्ण कुमार अग्रवाल, कुईट के चेयरमैन सुरेश नागपाल तथा सेमिनार संयोजक राधेश्याम अग्रवाल ने एक सुर में कहा कि सरकार यदि राजस्थान को सरसों प्रदेश घोषित कर दे तो सरसों की पैदावार 15 लाख टन और बढ़ सकती है।

गौरतलब है कि सरसों प्रदेश घोषित होने पर किसानों को खाद, बीज तथा अनुदान समेत कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी। मोपा अध्यक्ष डाटा ने कहा कि केन्द्र सरकार भारत को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। मगर अभी कृषि उत्पादों पर जीएसटी होने से किसानों को बेहतर लाभ नहीं मिल रहा। इसके लिए सभी कृषि उत्पादों को जीएसटी से मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा वर्तमान में सरसों पर स्टॉक लिमिट लगी हुई है। किसान एवं व्यापारिक हितों को देखते हुए सरसों से स्टॉक लिमिट को तुरंत हटाने की जरूरत है। देश को खाद्य तेलों के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने के लिए सरकार किसानों को काफी रियायतें दे रही है। मगर अभी इस क्षेत्र में और सुधार करने की आवयकता है।