विदेशों में गिरावट आने से घरेलू बाजार में खाने के तेल सस्ते

फरवरीमार्च में आएगी सरसों सीड की नई फसल

सरसों की पैदावार 100 लाख टन को क्रॉस करने का अनुमान

जयपुर, 15 दिसंबर। विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच देश भर के तेल तिलहन बाजारों में मंगलवार को सोयाबीन, सीपीओ, सरसों, पामोलिन और बिनौला सहित सभी तेल व तिलहनों में भाव घटाकर बोले गए। मंडियों में भाव नीचे आने से किसान मूंगफली की बिक्री करने में आनाकानी कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि मलेशिया एक्सचेंज में 1.75 फीसदी की गिरावट है। जबकि शिकागो एक्सचेंज में फिलहाल 0.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। विशेषज्ञ कहते हैं कि सोयाबीन की नई पैदावार आने से वायदा कारोबार में कीमतें घटने से सोयाबीन सीड और सोयाबीन तेल के भाव नीचे आ गए हैं। इस गिरावट का असर सभी खाने के तेलों पर भी देखने को मिल रहा है।

अगले साल सस्ता मिलेगा सरसों का तेल

सरसों सीड की कीमतें इस साल रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचने से किसानों ने इस बार सरसों की बिजाई जमकर की है। सरसों की नई फसल फरवरी-मार्च में आने की संभावना है। इस बार देश में सरसों की पैदावार 100 लाख टन को क्रॉस करने का अनुमान है। यदि ऐसा हुआ तो सरसों व सरसों तेल के दामों में अच्छी गिरावट आने की संभावना है। गौर तलब है कि बीते सीजन में सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन के भाव एतिहासिक ऊंचाई यानी 8900 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गए थे। हालांकि वर्तमान में सरसों कंडीशन 8200 रुपए प्रति क्विंटल के करीब आ गई है। जानकार बताते हैं कि नई फसल आने पर सरसों सीड की कीमतों में अच्छी खासी गिरावट आ सकती है।