राज्य में देशी घी पर जीएसटी एवं मंडी शुल्क दोनों लागू

देश में राजस्थान के अलावा कहीं भी मंडी सेस नहीं

जयपुर, 7 जुलाई। राज्य में देशी घी पर टैक्स की दोहरी मार झेल रहे हैं ग्राहक एवं व्यापारी। गौरतलब है कि घी पर 12 फीसदी जीएसटी एवं 1.60 प्रतिशत मंडी शुल्क लागू है, जबकि राजस्थान के अलावा देश के किसी भी राज्य में मंडी शुल्क लागू नहीं है। अलबत्ता उत्तराखंड में दो फीसदी मंडी शुल्क लागू है, जिसे वहां की सरकार शीघ्र ही समाप्त करने जा रही है। सरकारी स्तर पर ऐसा प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। ब्रोकर दिनेश जाजू ने बताया कि मंडी शुल्क समाप्त होने से राजस्थान में घी का कारोबार बढ़ेगा। 1.60 प्रतिशत मंडी सेस होने से देशी घी तकरीबन 90 रुपए प्रति टिन महंगा पड़ता है। परिणामस्वरूप प्रदेश में पड़ौसी राज्यों का घी आकर बिक रहा है। कारोबारी रोहित तांबी ने बताया कि पिछले छह माह के दौरान प्रदेश में देशी घी का कारोबार लगभग समाप्त हो गया है। इस बीच आरसीडीएफ का सरस घी बाजार में 5250 रुपए प्रति टिन बिकने लगा है। हालांकि सरस घी का भाव 5450 रुपए प्रति टिन के आसपास चल रहा है, लेकिन सरस डेयरी को दूध देने वाले किसानों को दूध का पेमेंट कैश नहीं दिया जाकर घी में समाहित किए जाने से वे अपने घी को बाजार में सस्ते दामों पर बेच रहे हैं। इस बीच सरसों सीड महंगी होने से एगमार्क सरसों तेल के भाव 50 रुपए प्रति टिन उछल गए। ज्योति किरण सरसों तेल का भाव 1440 रुपए प्रति टिन पहुंच गया। भाव इस प्रकार रहे:-

सरसों तेल- राघव 1490, कबीरा 1525,नेताजी 1495, ज्योति किरण 1440रुपए। सोयाबीन रिफाइंड- दीप ज्योति1310, सुमन 1300, नेताजी 1310रुपए प्रति 15 किलो। मूंगफली रिफाइंड- नेताजी 1650, कबीरा 1675 रुपए प्रति15 लीटर। देशी घी- कवासू 6750,कवासू गौरत्न 9900, महान 5070,श्रीसरस 4950, कृष्णा 5025, गोकुल4920, बिलौना 4875, डेयरी फ्रैश4850, वंडर 4870 रुपए प्रति 15किलो। वनस्पति- अशोका (15 लीटर) 1005 रुपए।