काउंसिल ने किया ड्राफ्ट वैल्यूएशन बिल-2020 का विरोध
30 हजार वैल्यूअर्स के बेरोजगार होने का अंदेशा
जयपुर, 2 जून। राजस्थान काउंसिल ऑफ इनकम टैक्स वैल्यूअर्स ने ड्राफ्ट वैल्यूएशन बिल-2020 का विरोध किया है। वैल्यूअर बिल 2020 का ड्राफ्ट कंपनी मंत्रालय भारत सरकार ने विभिन्न बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के लिए वैल्यूएशन का कार्य करने वाले वैल्यूअर्स के लिए हाल ही जारी किया है। काउंसिल के जनरल सैक्रेटरी दीपक सूद एवं सदस्य मनीष मंगल तथा परेश गुप्ता ने बताया कि इस बिल में निजी कंपनियों को बीच में लाया गया है, जो सभी वैल्यूअर्स को कंट्रोल करेगी। इस ड्राफ्ट में निजी कंपनियों को वैल्यूअर का कार्य करने की इजाजत दी गई है, जबकि वैल्यूअर की परिभाषा में वैल्यूअर एक व्यक्ति होना चाहिए ना कि कोई कंपनी। सूद ने कहा कि इस ड्राफ्ट में भारी विसंगतियां हैं। नई व्यवस्था से पूर्व पंजीकृत करीब 30 हजार वैल्यूअर बेरोजगार होने का खतरा पैदा हो गया है।
प्रस्तावित बिल में वैल्यूअर की फीस का कोई उचित मापदंड नहीं दिया गया है। जबकि फीस के अनुपात में भारी वित्तीय एवं आपराधिक पैनल्टी का प्रावधान किया गया है। इस बिल को लेकर वैल्यूअर्स में भारी रोष व्याप्त है। काउंसिल की मांग है कि प्रस्तावित बिल के विविध दोषपूर्ण प्रावधानों को वापस लिया जाए। सूद ने कहा कि इससे देश में एनपीए बढ़ेगा तथा बेरोजगारी बढ़ जाएगी। सूद ने कहा कि इस बिल को पूर्ण रूप से खारिज कर नए सिरे बनाया जाना चाहिए। कमेटी में 60 फीसदी सदस्य वैल्यूअर कार्य से जुड़े या इंजीनियर होने चाहिए। ज्ञात हो राजस्थान में लगभग 300 वैल्यूअर हैं। हर वैल्यूअर के पास कम से कम पांच सदस्यों का स्टाफ होता है।