दूध महंगा होने से उत्तर भारत का डेयरी उद्योग संकट में

कंपनियों के पास घी एवं पाउडर का 50 फीसदी स्टॉक भी नहीं

जयपुर, 23 जनवरी। डेयरियों को महंगे दामों पर दूध मिलने से उत्तर भारत का डेयरी उद्योग इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है। यही कारण है कि डेयरियों के पास गत वर्ष के मुकाबले घी एवं दूध पाउडर का अभी तक 40 फीसदी ही स्टॉक हो पाया है। गौरतलब है कि देशी घी पर जीएसटी 12 फीसदी होने से व्यापार पहले ही चौपट चल रहा है। बटर के हालात ये हैं कि फैडरेशन एवं निजी क्षेत्र में बटर का स्टॉक नहीं के बराबर है। महान मिल्कफूड लिमिटेड के जीएम एस.के. वर्मा कहते हैं कि पिछले दो माह से देशी घी में ग्राहकी भी कमजोर बनी हुई है। यही कारण है कि दूध महंगा होने के बावजूद घी में अपेक्षित तेजी नहीं आ सकी है। एस.आर. ट्रेडिंग कंपनी के रोहित तांबी ने बताया कि दूध में अप्रत्याशित तेजी को देखते हुए घी के भावों में फिलहाल मंदी के आसार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के डेयरी कारखानों में लिक्विड दूध खरीदना एक बड़ी चुनौती बन गया है। दूध की किल्लत को देखते हुए कंपनी प्रबंधन भी दूध कलेक्शन सेंटर्स पर ध्यान देने लगा है। सूत्रों का कहना है कि इस बार प्लांटों को चलाने के लिए सिर्फ 40 फीसदी दूध ही मिल पाया है। इस सबके बावजूद देशी घी के दामों में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हुई है। ब्रांडेड घी के भावों में कोई उल्लेखनीय फेरबदल नहीं हुआ। थोक बाजार भाव इस प्रकार रहे:-

देशी घी पारस 410 रुपए प्रति लीटर। महान 6510, श्रीसरस 6340, कृष्णा6480, धौलपुर फ्रैश 6310, गोकुल6040, बिलौना 6330, डेयरी फ्रैश6310 रुपए प्रति 15 किलो। वनस्पतिअशोका (15 लीटर) 1180 रुपए जीएसटी पेड। सरसों तेल ज्योति किरण1670, कबीरा 1780, नेताजी 1770,पवन 1650 रुपए। सोयाबीन रिफाइंडचंबल 1670, दीपज्योति 1575, पवन1555, नेताजी 1590 रुपए प्रति 15किलो। मूंगफली फिल्टर स्वदेशी 2000रुपए प्रति 15 किलो। मूंगफली रिफाइंडनेताजी 2200, कबीरा 2230 रुपए प्रति15 लीटर।