ऊंचे भावों पर बिकवाली से लालमिर्च 5 रुपए किलो सस्ती

यूरोपीय देशों को 67 फीसदी गिरा मिर्च मसालों का निर्यात

जयपुर, 19 जून कोरोना महामारी के कारण अप्रैल 2020 में भारत से यूरोपीय देशों को मिर्च मसालों का निर्यात करीब 67 फीसदी गिरने के समाचार हैं। भारतीय मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2019 में मिर्च मसालों का निर्यात 7162 टन हुआ था, जो कि अप्रैल 2020 में घटकर 2250 टन के आसपास रह गया है। इस बीच ऊंचे भावों पर बिकवाली के चलते बीते तीन-चार दिन में लालमिर्च की कीमतें 500 रुपए प्रति क्विंटल (5 रुपए प्रति किलो) टूट गई हैं। राजधानी कृषि उपज मंडी स्थित बद्रीनारायण माधोलाल के संचालक  लक्ष्मीनारायण डंगायच ने बताया कि दो सप्ताह पूर्व मिर्च में 10 रुपए प्रति किलो की तेजी आ गई थी। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश की गुंटूर मंडी में कोल्ड स्टोरों से 50 हजार बोरी मिर्च का प्रतिदिन व्यापार हो रहा है। गुंटूर व खम्मम में नॉन एसी लालमिर्च की दैनिक आवक 7 हजार बोरी के आसपास हो रही है। जानकारों का कहना है कि हालांकि बांग्लादेश एवं श्रीलंका को मिर्च का निर्यात बदस्तूर जारी है। जयपुर मंडी में गुंटूर पत्ता 80 से 85 रुपए, टीएसटी 150 रुपए, तेजा 165 रुपए तथा डंडीकट मिर्च के भाव 205 रुपए प्रति किलो पर घटाकर बोले जा रहे हैं।

बाजार सूत्रों का कहना है कि कोरोना महामारी ने मिर्च मसालों की आपूर्ति श्रृंखला और मांग को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। निर्यात में गिरावट से देश में मसालों की उपलब्धता बढ़ी है, मगर श्रृमिकों के पलायन से कारोबार भी प्रभावित हुआ है। भारत में 25 मार्च से देशव्यापी तालाबंदी हुई है। बेशक देश के सभी बंदरगाहों को अब खोल दिया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत मसालों का सबसे बड़ा निर्यातक है। यह अपने कुल निर्यात का 27 प्रतिशत यूरोपीय देशों को एक्सपोर्ट करता है। गौरतलब है कि मिर्च की आवक फरवरी मार्च तक मंडियों में हो जाती है। नई मिर्च फरवरी से पहले नहीं आएगी। लिहाजा लालमिर्च में मंदी के आसार नहीं हैं। थोक बाजार भाव इस प्रकार रहे:- चक्की आटा नमस्कार 1250 रुपए प्रति 50 किलो जीएसटी पेड। बेसन अरावली 1400, गणगौर 1425 रुपए प्रति 25 किलो। अजवायन मधुबाला 170, मधुबाला पोस्तदाना 1125, पोहा लाल गणेश 46, पोहा मधुबाला 53 रुपए प्रति किलो।