स्टॉक सीमा लगने के बाद गेहूं 100 रुपए प्रति क्विंटल टूटा

थोक मंडियों में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं 2275 रुपए प्रति क्विंटल बिका

जयपुर, 13 जून। गेहूं पर स्टॉक सीमा लगने से इसकी कीमतों में एक दिन में ही 75 से 100 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आ गई है। इसी अनुपात में आटा, मैदा एवं सूजी में भी नरमी दर्ज की गई है। ध्यान रहे केन्द्र सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए 15 साल में पहली बार स्टॉक लिमिट लगाई है। सरकार आटे की लगातार बढ़ती कीमतों से परेशान थी। स्टॉक सीमा फिलहाल 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी। इस बीच सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना के तहत पहले चरण में केन्द्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं एवं व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी फैसला किया है। मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि स्टॉक सीमा लगने के बाद जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं नैट के भाव 2275 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रह गए हैं। मुकुल ने कहा कि एफसीआई के टेंडर किस भाव पर जारी होंगे, अभी भविष्य के गर्त में है। टेंडर यदि नीचे भावों पर जारी होते हैं, तो गेहूं में और मंदी आ सकती है। उल्लेख्रनीय है कि कुछ महीनों में गेहूं के भावों में तेजी दर्ज की गई थी। मंडी स्तर पर गेहूं की कीमतें करीब 8 फीसदी मजबूत हुई हैं। हालांकि सरकार का गेहूं पर आयात शुल्क कम करने के बारे में फिलहाल बदलाव की कोई योजना नहीं है। क्योंकि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है। गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध भी जारी रहेगा। परिणामस्वरूप गेहूं में और मंदी आने के संकेत हैं। ध्यान रहे दालों पर स्टॉक सीमा पहले से ही लागू है। गेहूं पर स्टॉक सीमा तय होने से आटा, मैदा एवं सूजी के भाव भी नीचे आने की संभावना बन गई है।