आयातित खाद्य तेलों पर अब ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी

जयपुर, 9 जून। घरेलू उत्पादन बढ़ाने के मकसद से सरकार विदेशी खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ा सकती है। देश में खाने के तेलों की कुल खपत 2 करोड़ 60 लाख टन है, जिसमें से डेढ़ करोड़ टन तेलों का आयात होता है। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार खाने के तेलों के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना चाहती है। नेशनल ऑयल एंड ट्रेड एसोसिएशन के महासचिव मनोज मुरारका ने कहा कि क्रूड पाम ऑयल पर ड्यूटी 37.5 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी की जाए। क्रूड सोया तेल पर शुल्क 35 फीसदी से बढ़ाकर 45 प्रतिशत किया जावे। इसी प्रकार क्रूड सनफ्लॉवर तेल की ड्यूटी 35 फीसदी से बढ़ाकर 45 फीसदी की जानी चाहिए। मुरारका ने खाद्य तेलों की गुणवत्ता के आधार पर जीएसटी लगाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि जो तेल स्वास्थ्य की दृष्टि से ज्यादा लाभप्रद हैं, उन पर जीएसटी की कम की जानी चाहिए। एसोसिएशन ने रिफाइंड पाम तेल के आयात पर रोक की भी मांग की है।

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय ने कृषि मंत्रालय को जमीनी स्तर पर तीन बड़े सुधारों को लागू करने की सलाह दी है। इसके लिए कृषि मंत्रालय ने स्पेशल सेल बनाकर काम करने की शुरुआत कर दी है। स्पेशल सेल एक जिला एक फसल को बढ़ावा देगा। नए सुधार लागू होने पर व्यापारी को आसानी से फसल उपलब्धता की जानकारी होगी। किसान को अपनी फसल बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। स्पेशल सेल कृषि उपज के ट्रांसपोर्टेशन पर काम करेगा। किसानों की सुविधा के लिए क्षेत्रीय भाषा में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनेंगे।