खाद्य तेलों से स्टॉक लिमिट हटी, व्यापारियों में खुशी की लहर

स्टॉक लिमिट हटाने की मांग को लेकर पिछले माह मोपा ने दिया था ज्ञापन

जयपुर, 2 नवंबर। केन्द्र सरकार ने खाद्य तेलों पर से स्टॉक लिमिट हटा दी है। सरकार की इस घोषणा से ऑयल मिलर्स एवं ट्रेडर्स में खुशी की लहर दौड़ गई है। मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) के अध्यक्ष बाबूलाल डाटा एवं संयुक्त सचिव अनिल चतर ने सरकार का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा है कि इसका बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि स्टॉक सीमा के कारण किसान, उद्योग एवं उपभोक्ता सभी परेशान हो रहे थे तथा देश में करीब 60 फीसदी से अधिक तेल इकाईयां बंद पड़ी थीं। उन्होंने कहा कि तिलहनों की खरीद को बढ़ावा मिलेगा तथा देश में तिलहन उगाने वाले किसानों को भी फायदा होगा। गौरतलब है कि खाने के तेलों से स्टॉक लिमिट हटाने की मांग को लेकर पिछले माह अक्टूबर में मोपा ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन दिया था। डाटा ने कहा कि खाद्य तेलों पर स्टॉक सीमा लगने से व्यापारियों को कारोबार करने में परेशानी हो रही थी। सरकार ने 50 साल पहले की लिमिट को आधार मानकर स्टॉक सीमा लगाई थी। आज के हिसाब से यह व्यावहारिक नहीं थी। मौजूदा समय में विदेशों से खाद्य तेल बड़ी मात्रा में आयात होता है। चतर ने बताया कि वित्त मंत्री ने हमारी बातों को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि सरकार व्यापारियों एवं किसानों को सपोर्ट करेगी तभी इंपोर्ट घटेगा। हालांकि पिछले कुछ सालों से देश में खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ा है। ये अच्छे संकेत हैं। फिर भी लंबा सफर बाकी है। अभी भी 55 से 60 फीसदी खाद्य तेलों का आयात होता है। भारत दुनिया में पाम ऑयल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल जैसे खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में देश में 11 लाख बोरी सोयाबीन, 4 लाख बोरी सरसों तथा 8 लाख बोरी मूंगफली की प्रतिदिन आवक हो रही है।