शांतिकुंज में तीन दिवसीय गायत्री जयंती महापर्व संपन्न

पतित पावनी है: डा. प्रणव पण्डया

हरिद्वार, 22 जून। अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डा. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि गंगा न केवल भारतवासियों के लिए वरन् विश्व समुदाय के लिए भी जीवनदायिनी है। गंगा पतित पावनी है। उनकी शरण में जो भी आता है, बिना किसी भेदभाव के गंगा मैया अपनी गोद में स्वीकारती हैं। उसी तरह वेदमाता गायत्री के जप करने वाले साधकों का भी जप कभी निरर्थक नहीं जाता। पण्ड्या गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आयोजित तीन दिवसीय गायत्री जयंती महापर्व के मुख्य कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर गंगा दशहरा व गायत्री जयंती मनाने आएदेश-विदेश के हजारों स्वयंसेवी कार्यकर्ताएवं निर्मल गंगा जन अभियान में जुटे सैकड़ों युवा मौजूद थे। उन्होंने ने कहा कि2525 किमी दूरी तय करने वाली पतित पावनी गंगा को अविरल एवं स्वच्छ बनाने की दिशा में गायत्री परिवार तन, मन, धन से संकल्पित है। साथ ही गंगा की सहायक नदियों को भी स्वच्छ किया जाएगा। गंगा पावनता की, तो माँ गायत्री प्रखरता की प्रतीक हैं। देश की विघटनकारी तत्त्वों के मिटने एवं भारतवर्ष के विश्वगुरु बनने का समय बहुत ही निकट है। गायत्री के तीन स्वरूपों की चर्चा करते हुए पण्ड्या ने कहा कि श्रेष्ठता का वरण, तेजस्विता तथा सामूहिकता-सहगमन को लेकर गायत्री परिवार चल रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से आने वाले दिनों में कई जटिल समस्याओं का समाधान होता दिखाई देगा। पण्ड्या ने इस अवसर पर मुंबई में जनवरी-2021 में अश्वमेध महायज्ञ करने की घोषणा की।

इससे पूर्व संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने कहा कि गायत्री और गंगा भाव संवेदनाओं की देवियां हैं। इनकी प्रेरणाओं को जीवन में उतारने से जीवन महान बनता है। भागीरथी जहाँ स्थूल शरीर को शुद्ध करती हैं, वहीं माँ गायत्री अंतःकरण को पवित्र बनाती है। पतित पावनी गंगा ने करोड़ों लोगों को नवजीवन दिया है और आज वे ही अपने पुत्रों को सदाशयता के लिए पुकार रही है, जो उन्हें निर्मल व अविरल बना सके। शैलदीदी ने नवचेतना के अवतरण के लिए बार-बार अभ्यास,सत्कर्मों की याद दिलाते रहने एवं आस्था-भावना को जाग्रत रखने पर बल दिया। गायत्री के तीन चरण-उपासना, साधना व आराधना पर मार्मिक उदाहरण देते हुए इसे नियमित रूप से पालन करने की बात कही। पर्व पूजन का वैदिक कर्मकाण्ड महिला मण्डल की ब्रह्मवादिनी बहिनों ने सम्पन्न कराया। बहिनों ने विभिन्न संस्कार बड़ी संख्या में निःशुल्क सम्पन्न कराए।