मजबूती के बाद दड़ा गेहूं में फिर गिरावट, 2300 रुपए बिका

गत वर्ष की तुलना में किसानी गेहूं की आपूर्ति 38 फीसदी कमजोर

जयपुर, 12 अगस्त। गेहूं के भावों में अच्छी तेजी के बाद एक बार फिर से गिरावट देखने को मिली है। जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं शुक्रवार को मंदा होकर 2300 रुपए प्रति क्विंटल रह गया है। ज्ञात हो इस साल गेहूं का उत्पादन कम होने तथा जरूरतमंद देशों को निर्यात होने से उत्पादक एवं वितरक मंडियों में गेहूं की शॉर्टेज बनी हुई है। पिछले दो सप्ताह के दौरान गेहूं 200 रुपए प्रति क्विंटल उछलकर वर्तमान में 100 रुपए मंदा हो गया है। गेहूं की फसल आए करीब चार माह बीत चुके हैं। मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि मंडियों में गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में किसानी माल यानी गेहूं की आपूर्ति 38 फीसदी कम हो रही है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 में गेहूं का निर्यात 71 लाख टन हुआ है। जबकि इससे बीते वर्ष यानी वर्ष 2020-21 में गेहूं का कुल निर्यात 12 लाख टन के आसपास हुआ था। बीते वर्ष निर्यात अधिक होने का मुख्य कारण यूक्रेन एवं रूस की लड़ाई रही है। इस बीच पिछले साल गेहूं का उत्पादन 1105 लाख टन के करीब हुआ था। जो इस बार घटकर 1050 लाख टन रह गया है। सरकार ने गेहूं की एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की है। बता दें वर्तमान स्थिति में रोलर फ्लोर मिलों एवं आटा चक्कियों में मिलिंग के लिए गेहूं की अपेक्षित आपूर्ति नहीं है। लिहाजा कहा जा सकता है कि आने वाले महीनों में गेहूं की कीमतों में मजबूती रह सकती है। लेकिन यदि सरकार स्टॉक सीमा लगाती है तो गेहूं के भावों में मंदी आने की संभावना है।