कंपनियों ने रोकी मलेशिया से पाम ऑयल की खरीद

बिजाई में देरी से सरसों सीड में और तेजी के आसार

जयपुर, 22 अक्टूबर। सरसों की बिजाई लेट होने तथा तेल की त्योहारी मांग निकलने से इन दिनों सरसों सीड में तेजी का रुख बना हुआ है। सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन के भाव आज 25 रुपए और उछलकर 4325 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गए हैं। निवाई मंडी में मंगलवार को लूज सरसों 4070 रुपए प्रति क्विंटल बिक गई। व्यापारियों के अनुसार वर्तमान में सरसों का अधिकांश स्टॉक नेफैड के पास है। गौरतलब है कि उत्पादन केन्द्रों पर अधिक बारिश के कारण सरसों की बिजाई एक माह देरी से हो रही है। फरवरी में आने वाली नई सरसों अब मार्च के अंत तक बाजार में आने की संभावना है। यही कारण है कि सरसों सीड में मंदी के आसार नहीं हैं।

रिफाइनरों ने रोकी मलेशिया से पाम ऑयल की खरीद

इस बीच भारतीय रिफाइनरों ने नवंबर व दिसंबर में मलेशिया से की जाने वाली पाम तेल की खरीद या तो रोक दी है या उसमें भारी कटौती कर दी है। ज्ञात हो चालू साल में अब तक मलेशिया के पाम तेल के सबसे बड़े खरीदार भारत द्वारा खरीद कम किए जाने से मलेशिया में अच्छा खासा स्टॉक जमा हो सकता है। दी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डा. बी.वी. मेहता ने बताया कि सरकार ने 4 सितंबर को मलेशिया के आरबीडी पामोलिन पर पांच प्रतिशत का सेफगार्ड शुल्क लगाया, जिससे कच्चे तेल और रिफाइंड पाम ऑयल शुल्क के बीच अंतर बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया। मेहता ने संभावना जताई कि भारत संयुक्त राष्ट्र में मलेशिया के शत्रुतापूर्ण रवैये के बाद मलेशिया से पाम ऑयल के आयात पर पाबंदी लगा सकता है।

भारतीय कंपनियों ने किया इंडोनेशिया का रुख

यही कारण है कि कई आयातकों ने मलेशिया से की जाने वाली खरीदारी के बजाए नवंबर दिसंबर के लिए इंडोनेशिया से पाम तेल मंगाना शुरू कर दिया है। सितंबर में मलेशिया ने संयुक्त राष्ट्र में यह आरोप लगाया था कि भारत ने जम्मू कश्मीर पर कब्जा कर रखा है। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत द्वारा पाम ऑयल के आयात पर रोक लगाने की अटकलों के कारण मलेशिया कूटनीति का भी सहारा ले सकता है।