धनिये का निर्यात 21 फीसदी बढ़ा, फिर भी तेजी नहीं

ईगल मशीनक्लीन बिल्टी के भाव 7400 रुपए प्रति क्विंटल

जयपुर, 28 जून। बीते वित्तीय वर्ष में धनिये के निर्यात में 21 फीसदी की उल्लेखनीय बढ़ोतरी के बाद भी धनिये की कीमतों में तेजी के आसार नहीं बन पाए हैं। व्यापारियों के अनुसार इसकी मुख्य वजह मानसून सीजन प्रारंभ होने के कारण धनिये में दक्षिण भारत की डिमांड ठप होना बताया जा रहा है। लिहाजा आने वाले दिनों में धनिये के भावों में तेजी के आसार नहीं हैं। राजधानी कृषि उपज मंडी स्थित श्रीनाथ ब्रोकर एजेंसी के प्रमोद मेड़तवाल ने बताया कि रामगंजमंडी, बारां एवं कोटा आदि मंडियों में धनिये की दैनिक आवक लगभग सात हजार बोरी हो रही है। वर्तमान में धनिया कोटा ईगल मशीनक्लीन बिल्टी के भाव 7400 रुपए प्रति क्विंटल बोले जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि आवक की तुलना में लिवाली सुस्त बनी होने से धनिये की कीमतों में फिलहाल मंदी का रुख देखा जा रहा है। इस बीच मानसून शुरू होने के कारण मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे प्रमुख धनिया उत्पादक राज्यों के साथ-साथ गुजरात की मंडियों में भी दक्षिण भारत की डिमांड नहीं के बराबर रह गई है। मांग कमजोर पड़ने के कारण इन दिनों धनिये में गिरावट का रुख बना हुआ है। उधर भारतीय मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2020-21 में देश से 489.82 करोड़ रुपए मूल्य के 57 हजार टन धनिये का निर्यात हुआ है, जो कि पूर्व वर्ष की तुलना में करीब 21 प्रतिशत ज्यादा है।