केसिन निर्यात के कारण महंगे हुए देशी घी और मिल्क पाउडर

285 रुपए प्रति किलो बिक रहा बंगाल टाइगर एसएमपी

जयपुर, 9 फरवरी। इन दिनों लिक्विड् दूध के भावों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। परिणामस्वरूप दूध के भाव उछलने से देशी घी और मिल्क पाउडर में आगे मंदी की धारणा नहीं है। हालांकि बीते सप्ताह देशी घी 250 रुपए उछलकर फिर से 50 रुपए प्रति टिन टूट गया है। उधर प्लांटों में लिक्विड् दूध के भाव 46 से 47 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए हैं। दक्षिण भारत की छोटी-बड़ी कंपनियों में देशी घी एवं मिल्क पाउडर का पर्याप्त स्टॉक नहीं है। इसके अलावा फैडरेशनों के पास भी घी का ज्यादा स्टॉक नहीं है। अलबत्ता गुजरात कोपरेटिव डेयरी पड़ते में घी बेच रही है। दूध महंगा होने से अधिकांश कंपनियां नाम मात्र का घी बना रही हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों केसिन के भाव ऊंचे होने से केसिन निर्माताओं ने ऊंचे भावों पर लिक्विड् दूध खरीदकर केसिन का निर्यात किया। यही वजह रही कि पिछले दिनों घी के साथ-साथ दूध पाउडर के भाव भी उछल गए। बंगाल टाइगर स्किम्ड् मिल्क पाउडर (एसएमपी) के भाव 285 रुपए प्रति किलो पर बढ़ाकर बोले जा रहे थे। जानकारों का कहना है कि नकली घी की बिक्री धड़ल्ले से होने के कारण असली घी की बिक्री में बाधा पड़ रही है। स्थानीय डेयरी उत्पाद बाजार में बुधवार को महान घी 6420 रुपए प्रति 15 किलो टिन थोक में बेचा गया। आपको बता दें घी का सीजन इस बार दो माह देरी से शुरू हुआ है। यही कारण रहा कि देशी घी का उत्पादन अपेक्षाकृत घट गया है।