हल्दी की बजाए सोयाबीन की बिजाई में रुचि ले रहे किसान

राजधानी मंडी में 87 रुपए प्रति किलो बिकी सांगली ईगल

जयपुर, 9 सितंबर। इस साल हल्दी के भाव नीचे होने से किसानों को हल्दी की पैदावार से नुकसान हुआ है। लिहाजा ईरोड, वारंगल, डुग्गीराला, कड़प्पा, सांगली एवं निजामाबाद लाइन के किसानों ने इस साल हल्दी की बजाए सोयाबीन की बिजाई में अधिक रुचि ली है। उत्पादन केन्द्रों से मिली जानकारी के अनुसार हल्दी की बिजाई गत वर्ष के मुकाबले 20 से 25 फीसदी कम हुई है। हालांकि उत्पादक मंडियों में वर्तमान में हल्दी का स्टॉक 45 लाख बोरी के आसपास बताया रहा है। नई हल्दी आने में अभी करीब छह महीने का समय बाकी है। जयपुर की राजधानी कृषि उपज मंडी में गुरुवार को हल्दी सांगली ईगल 86 से 87 रुपए, निजामाबाद 75 से 76 रुपए तथा पिसाई वाली हल्दी के भाव 70 से 72 रुपए प्रति किलो थोक में बोले जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि नई हल्दी की आवक से पूर्व बाजार में 10 से 12 लाख बोरी हल्दी का कैरी फॉरवर्ड स्टॉक बचेगा। लिहाजा कहा जा सकता है कि हल्दी में लंबी तेजी के आसार नहीं हैं। पिछले दिनों एनसीडैक्स पर सटोरियों की बिकवाली से हल्दी का बाजार थोड़ा दब गया था। मगर उत्पादक मंडियों से फिलहाल पड़ते नहीं लग रहे हैं। जिससे हल्दी की कीमतों में अब ज्यादा घटने की गुंजाईश नहीं है। हल्दी के  वर्तमान भावों पर स्टॉक करने से दूर दूर तक रिस्क नहीं है।