नोट बंदी व जीएसटी की भेंट चढ़ा घी का बिजनेस

बिक्री 75 फीसदी घटने से स्टॉकिस्ट बाजार से दूर

जयपुर, 30 जून। देश में नोट बंदी और जीएसटी की भेंट चढ़ गया है देशी घी का कारोबार। ये कहना है महान मिल्क फूड लिमिटेड के महाप्रबंधक एस.के. वर्मा का। उल्लेखनीय है कि पिछले करीब एक साल से डेयरी उत्पाद बाजार में देशी घी का व्यापार जैसे खत्म हो गया है। देशी घी पर 12 फीसदी जीएसटी एवं 1.60 फीसदी मंडी शुल्क लगाए जाने से इसकी कीमतें काफी उछल गई हैं, जिससे ग्राहक का रुख सस्ते घी की ओर चला गया है। वर्मा ने बताया कि बीते एक साल के दौरान असली घी की बिक्री तकरीबन 75 प्रतिशत घट गई है। ऐसा नहीं है कि लोगों ने घी खाना बंद कर दिया है, अपितु सबस्टैंडर्ड ब्रांड्स यानी सस्ते बिकने वाले घी की बिक्री में इजाफा हुआ है। यूं कहा जा सकता है कि जीएसटी ने नकली घी के कारोबार को बढ़ावा दिया है। परिणामस्वरूप स्टॉकिस्ट देशी घी के व्यापार से निरंतर दूर होता जा रहा है, जिससे डेयरियों में घी का स्टॉक काफी जमा हो गया है। इस बीच सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन के भाव 20 रुपए सुधरकर शनिवार को 4120 रुपए प्रति क्विंटल पर जा पहुंचे। एगमार्क सरसों तेल एवं सोयाबीन रिफाइंड के भावों में कोई उतार चढ़ाव नहीं आया। भाव इस प्रकार रहे:-

सरसों तेल- राघव 1460, कबीरा 1475,नेताजी 1485, ज्योति किरण 1390रुपए। सोयाबीन रिफाइंड- दीप ज्योति1315, सुमन 1300, नेताजी 1310रुपए प्रति 15 किलो। मूंगफली रिफाइंड- नेताजी 1650, कबीरा 1675 रुपए प्रति15 लीटर। देशी घी- कवासू 6750,कवासू गौरत्न 9900, महान 5100,श्रीसरस 5000, कृष्णा 5055, गोकुल4950, बिलौना 4900, डेयरी फ्रैश4875, वंडर 4900 रुपए प्रति 15किलो। वनस्पति- अशोका (15 लीटर) 1005 रुपए।