राज्यों में लगातार बढ़ती जा रही गेहूं की सरकारी खरीद

जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं 2200 रुपए प्रति क्विंटल   

जयपुर, 3 मई। इस साल गेहूं की सरकारी खरीद संतोषजनक चल रही है। अनुमान है कि इस बार गेहूं खरीद का सरकारी खरीद लक्ष्य आसानी से पूरा हो जाएगा। गौरतलब है कि देश में पिछले साल गेहूं का उत्पादन 1060 लाख टन के करीब था, जबकि इस साल मौसम का तापमान नियंत्रित रहा। मगर बारिश होने से गेहूं की क्वालिटी तो हल्की हो गई, लेकिन गेहूं का उत्पादन चौतरफा बढ़ा है। मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि हालांकि राजस्थान की मंडियों में गेहूं की दैनिक आवक में कमी आई है। राजस्थान में ज्यादातर गेहूं उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश से आ रहा है। प्रदेश की मंडियों में लूज गेहूं के भाव वर्तमान में 2000 से 2100 रुपए प्रति क्विंटल बोले जा रहे हैं। जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं नैट 2200 रुपए प्रति क्विंटल बेचा जा रहा है। सरकारी खबरों के मुताबिक अब तक 14.96 लाख किसानों को 41 हजार 148 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। परिणामस्वरूप सरकारी कांटों पर गेहूं की आपूर्ति बढ़ गई है। अकेले पंजाब में 89.79 लाख टन, हरियाणा में 54.26 लाख टन तथा मध्य प्रदेश में 49.41 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार खरीद में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ध्यान रहे 26 अप्रैल तक केन्द्रीय पूल में गेहूं की खरीद 195 लाख टन को पार कर चुकी है। जबकि पिछले साल पूरे विपणन वर्ष में गेहूं की खरीद 187.89 लाख टन ही हो पाई थी। इस बार गेहूं का सरकारी खरीद लक्ष्य 341.50 लाख टन निर्धारित किया गया है। सरकार द्वारा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। तथा अभी करीब एक माह से ही गेहूं की खरीद चल रही है। अभी मई एवं जून तक गेहूं की खरीद होनी है। इस बीच कुछ किसानों को उम्मीद है कि पिछले साल की तरह इस साल भी गेहूं के दाम एमएसपी से अधिक रहेंगे। लिहाजा किसान उतना ही गेहूं बेच रहे हैं, जितने पैसे की उन्हें जरूरत है। या फिर वो खराब गुणवत्ता का गेहूं सरकार को बेच रहे हैं।