छोटे उद्योगों के लिए जीएसटी आत्मघाती कदम: गुप्ता

जीएसटीएन पूरी तरह असफल: राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ

जयपुर, 30 जून। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने कहा है कि कर ऐसा होना चाहिए कि जनता को भार नहीं लगे। जीएसटी लगने पर आम आदमी ठगा सा महसूस कर रहा है। उसका बजट गड़बड़ा गया है। जीएसटी को लागू हुए एक साल पूरा हो चुका है, मगर जीएसटी काउंसिल तिलहन एवं मसालों को जीएसटी मुक्त की श्रेणी में नहीं ला सकी है। जीएसटीएन पूरी तरह असफल साबित हुआ है। गुप्ता ने कहा कि आज की तारीख तक भी घोषित जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 की क्रियान्विती नहीं हो पाई है। जीएसटीआर-1 में भरे गए आंकड़ों को सुधारने का प्रावधान नहीं होने के कारण यानी रिवाईज रिटर्न की सुविधा नहीं होने की वजह से मिसमैच बढ़ते जा रहे हैं। ट्रेड व इंडस्ट्री की लाख कोशिशों के बावजूद एक माह में तीन रिटर्न भरने के प्रावधान समाप्त नहीं किए गए हैं। जब असेसेमेंट होने लगेंगे तो ट्रेड एवं इंडस्ट्री पर भारी पैनल्टीज इम्पोज होंगी। गुप्ता ने बताया कि ई-वे बिल को लागू करने के पीछे काउंसिल की मंशा इवेजन को रोकना था,पर इसका प्रारूप ठीक नहीं होने के कारण ये ट्रेड एवं इंडस्ट्री के लिए एक समस्या बनकर रह गया है। गुप्ता ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद बड़ी-बड़ी कंपनियों जिन्हें एक्साइज ड्यूटी भरनी पड़ती थी, उन्होंने राहत महसूस की है और जीएसटी को बढिया कदम बताया है। मगर एमएसएमई के लिए जीएसटी एक आत्मघाती कदम साबित हुआ है। छोटी फैक्ट्रियां 5 से 28 फीसदी जीएसटी के दायरे में आ गई हैं। उनका उत्पादन खर्च अधिक होने के कारण बड़ी कंपनियों से कम्पीट नहीं कर पा रही हैं तथा अपना बाजार खोती जा रही हैं।