सरसों से मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण सैस समाप्त किया जाए

मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दिया बजट पूर्व ज्ञापन

जयपुर, 22 फरवरी। मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) ने राज्य सरकार से सरसों पर से मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण सैस समाप्त करने की मांग की है। वर्तमान में सरसों पर 1 फीसदी मंडी शुल्क तथा 1 प्रतिशत कृषक कल्याण सैस आरोपित है। मोपा अध्यक्ष बाबूलाल डाटा तथा मंत्री कृष्ण कुमार अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बजट पूर्व दिए ज्ञापन में कहा है कि राजस्थान के पड़ौसी राज्य उत्तर प्रदेश में मात्र आधा फीसदी टैक्स है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश में भी 0.50 प्रतिशत शुल्क है। डाटा ने कहा कि प्रदेश में सरसों तेल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरसों से मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण सैस तुरंत समाप्त होना चाहिए।

डाटा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में राज्य से बाहर से सरसों लाकर तेल बनाने पर मंडी टैक्स नहीं है, जबकि राजस्थान में मंडी टैक्स देना होता है। लिहाजा राजस्थान में बाहर से सरसों मंगाने पर मंडी टैक्स समाप्त किया जाना चाहिए। राजस्थान में सरसों की पैदावार को और पंख लगें इसके लिए राज्य सरकार को चाहिए कि वह राजस्थान को सरसों उत्पादक प्रांत घोषित करे। ज्ञात हो राजस्थान ही एक ऐसा राज्य है जहां पर देश की कुल पैदावार का 50 फीसदी से ज्यादा सरसों का उत्पादन होता है। मोपा के मंत्री ने कहा कि यदि तेल उद्योग को सुविधाएं मिलेंगी, तो राजस्थान में सरसों का उत्पादन और बढ़ सकेगा।