दो सप्ताह में सरसों सीड 600 रुपए प्रति क्विंटल टूटी

सरसों तेल में भी 13 रुपए प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई

उत्पादन बेपड़ता होने से प्रदेश में 50 फीसदी से ज्यादा तेल इकाईयां बंद

जयपुर, 2 सितंबर। सरसों एवं सरसों तेल की कीमतों में इन दिनों निरंतर मंदी का रुख देखा जा रहा है। और यही कारण है कि दो सप्ताह के दौरान सरसों सीड में 600 रुपए प्रति क्विंटल की नरमी आ गई है। जयपुर मंडी में शुक्रवार को सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन के भाव नीचे आकर 6400 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रह गए हैं। इसी क्रम में सरसों तेल में भी 13 रुपए प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई है। मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के अनिल चतर ने बताया कि राजस्थान में वर्तमान में छोटी-बड़ी मिलाकर करीब 1700 तेल इकाईयां हैं। वर्तमान में इनमें से 50 फीसदी से भी अधिक तेल मिलें बंद पड़ी हैं। उल्लेखनीय है कि सरसों तेल का उत्पादन बेपड़ता होने से 50 प्रतिशत सरसों तेल की यूनिट्स बंद हो गई हैं। चतर ने कहा कि सरकार द्वारा खाने के तेलों में मंदी के प्रयास किए जाने से पिछले दो सप्ताह में सरसों सीड में 600 रुपए प्रति क्विंटल निकल गए हैं। राजस्थान एवं देश की मंडियों में पिछले एक माह से सरसों की आवक बढ़ने तथा विदेशी तेलों में भारी मंदी आने से सरसों तेल में भी करीब 13 रुपए प्रति किलो की नरमी आई है। समर्थन पाकर सरसों खल प्लांट के भाव भी 250 रुपए नीचे आकर 2450 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए हैं। चतर के अनुसार देश में अब तक 74 लाख टन सरसों की आवक मंडियों में हो चुकी है। तथा 31 अगस्त तक 67 लाख टन सरसों की पेराई हो गई है। ज्ञात हो देश के बाजारों में खाने के तेलों के दाम टूटने लगे हैं। पिछले दिनों विदेशी बाजारों में भी खाने के तेलों की कीमतों में गिरावट आई थी। इसका असर अब तेल की खुदरा कीमतों पर दिखना शुरू हो गया है। ध्यान रहे पिछले माह सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर विदेशी तेलों की कीमतों में आई गिरावट का लाभ जनता तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे। सरकार की कोशिश है कि खुदरा बाजार में भी खाने के तेलों की कीमतों में गिरावट आए। गौरतलब है कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा पाम ऑयल आयात करने वाला देश है। राजस्थान सहित देश की मंडियों में लगभग ढाई लाख बोरी सरसों सीड  प्रतिदिन उतर रही है।