आटा, मैदा की डिमांड घटी, दड़ा गेहूं 1825 रुपए क्विंटल

जयपुर, 16 जून आटा, मैदा व सूजी की मांग घटने से स्थानीय थोक मंडियों में दड़ा गेहूं 50 रुपए और सस्ता हो गया। जयपुर मंडी में इसके मिल डिलीवरी भाव 1825 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रह गए। एफसीआई का गेहूं भारी मात्रा में बाजार में आने से भी मंडियों में गेहूं की डिमांड नगण्य रह गई है। कोरोना काल में सरकार गरीबों को निशुल्क गेहूं का वितरण कर रही है, लिहाजा आटे की लिवाली 25 फीसदी से भी कम रह गई है। इस बीच मुहाना खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि कृषि जिंसों में 1.60 मंडी टैक्स एवं 1 फीसदी कृषक कल्याण शुल्क होने से मंडियों में किसानी माल की आवक घटने लगी है। परिणामस्वरूप धीरे धीरे मंडियों का अस्तित्व समाप्त होने लगेगा। अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार को कृषि कल्याण शुल्क समाप्त करने के अलावा मंडी टैक्स घटाकर 0.5 फीसदी करना होगा। अन्यथा भारत सरकार के 5 जून 2020 के अध्यादेश के अनुसार मंडियों के बाहर कारोबार करने पर किसी भी प्रकार का मंडी शुल्क नहीं देना होगा।

इस बीच काला गेहूं स्वास्थ्य गुणों से भरपूर होने के कारण बाजार में इसकी आवक अगले सीजन में शुरू होने की संभावना है। श्रीगंगानगर आधारित कंपनी विकास डब्ल्यूएसपी ने इस संबंध में करार किया है तथा 65 क्विंटल काले गेहूं का बीज भी परचेज किया है। मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार काले गेहूं का आटा शुगर की बीमारी में बहुत लाभदायक होता है। हालांकि काला गेहूं अभी तक बाजार में नहीं आया है, लेकिन इसका बीज मार्केट में देखा जा रहा है। अगले सीजन में काला गेहूं बाजार में देखने को मिल सकता है।