चीनी एक रुपए प्रति किलो महंगी

उत्पादन अधिक होने से लंबी तेजी के आसार नहीं

जयपुर, 29 दिसंबर। कोटा कम छोड़े जाने से स्थानीय थोक बाजारों में शनिवार को चीनी 80 से 100 रुपए प्रति क्विंटल महंगी हो गई। सूरजपोल मंडी में हाजिर चीनी के थोक भाव 3200 से 3350 रुपए प्रति क्विंटल पर जा पहुंचे। हालांकि बीते सप्ताह चीनी में नरमी का रुख देखा जा रहा था। इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार देश में 15 दिसंबर तक चीनी का उत्पादन 72.52 लाख टन के लगभग हो चुका है, जो कि पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। महेश कुमार एंड कंपनी के महेश अग्रवाल ने बताया कि उत्पादन अधिक होने के कारण बिकवाली का दबाव बढ़ने से दिवाली से अब तक चीनी की कीमतें करीब पौने दो सौ रुपए प्रति क्विंटल नीचे आ चुकी हैं। पिछले साल हाजिर चीनी 3600 से 3750 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास थोक में बिकी थी। इस्मा द्वारा नए सीजन में चीनी का उत्पादन 350 लाख टन होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। हालांकि इस्मा ने इसे बाद में घटाकर 325 लाख टन अनुमानित कर दिया है। जानकारों का कहना है कि उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ पुराने माल की भी बिकवाली का दबाव बना हुआ है। वैश्विक बाजारों में चीनी की उपलब्धता होने के कारण भी एक्सपोर्ट डिमांड कमजोर बनी हुई है। यही कारण है कि वर्तमान हालात को देखते हुए फिलहाल चीनी की कीमतों में लंबी तेजी के आसार नहीं हैं। शहर के रिटेल काउंटरों पर खेरुज चीनी के भाव 35 से 37 रुपए प्रति किलो के आसपास चल रहे हैं। इस बीच मकर संक्रांति के लिए गुड़ की ग्राहकी बेहतर चल रही है। सूरजपोल मंडी स्थित महालक्ष्मी एंड कंपनी के मुरारीलाल अग्रवाल ने बताया कि गुड़ की सभी किस्मों के भावों में वर्तमान में कोई उल्लेखनीय फेरबदल नहीं हुआ है। 13 जनवरी तक गुड़ की अच्छी डिमांड बनी रहने की संभावना है।