उत्पादन अधिक होने से काजू टुकड़ी 100 रुपए प्रति किलो सस्ती

दक्षिण भारत की एसोसिएशनों ने की 30 दिनों तक काजू कारखानों को शट डाउन करने की अपील

जयपुर, 26 जून। उत्पादन अधिक होने तथा कमजोर डिमांड के चलते काजू के भावों में इन दिनों जोरदार मंदी का वातावरण देखा जा रहा है। एक डेढ़ माह के अंतराल में काजू टुकड़ी में करीब 100 रुपए प्रति किलो निकल गए हैं, जबकि साबुत काजू 40 से 50 रुपए प्रति किलो तक सस्ता हो गया है। जयपुर किराना एवं ड्राई फ्रूट मार्केट में वर्तमान में काजू टुकड़ी 460 से 530 रुपए तथा साबुत काजू 650 से 850 रुपए प्रति किलो पर घटाकर बेचा जा रहा है। मिस्टर केश्यू ब्रांड काजू के निर्माता हितेश गोयल ने बताया कि उड़ीसा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में इस बार काजू की पैदावार बहुत बेहतर है, जबकि इस अनुपात में काजू की उपभोक्ता मांग नहीं है। परिणामस्वरूप काजू एवं काजू टुकड़ी में गिरावट बन गई है। अन्य जानकारों का कहना है कि बीते दिनों अवैध तरीकों से काजू टुकड़ी का आयात होने के कारण भी इसमें अच्छी खासी नरमी आई है। पर्याप्त मांग नहीं होने से काजू कारखानों में 25 फीसदी ही उत्पादन हो रहा है। मंदी के चलते कई फैक्ट्रियां तो बंद हो गई हैं। निरंतर गिरावट को देखते हुए दक्षिण भारत की काजू एसोसिएशनों ने 15 से 30 दिनों तक काजू कारखानों को शट डाउन करने की अपील की है। लिहाजा बाजार में डिमांड एंड सप्लाई को बैलेंस किया जा सके। हितेश गोयल ने कहा कि इस समय काजू के ये भाव काफी नीचे चल रहे हैं। काजू फैक्ट्रियां यदि बंद करने का निर्णय करती हैं तो काजू में फिर से मजबूती बन सकती है। काजू में भारी मंदी को देखते हुए बंगाल केश्यू एसोसिएशन के सचिव ब्योमकेश महापात्र ने काजू कारखानों से 26 जून 2023 से 26 जुलाई 2023 तक यानी एक तक स्ट्राईक करने की अपील जारी की है। इसी प्रकार जैपोर केश्यू मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के सचिव एस. नवीन कुमार ने 1 जुलाई से 31 जुलाई 2023 तक काजू इकाईयों के मालिकों से कारखाने बंद रखने की गुजारिश की है। पूर्व में भारत को काजू उत्पादन की गुणवत्ता के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रीमियम कीमत मिलती थी। मगर अब तैयार काजू के बढ़ते आयात और अपेक्षाकृत कम कीमतों पर भारतीय काजू के ब्रांड के तहत फिर से निर्यात किए जाने के साथ कम गुणवत्ता और कम कीमतों पर उपलब्धता के कारण घरेलू रूप से उत्पादित काजू इन दिनों काफी सस्ता बिक रहा है।