सरकार ने एमएसपी पर 143 लाख टन गेहूं खरीदा

देश में इस साल गेहूं का उत्पादन 50 लाख टन ज्यादा

जयपुर, 5 मई। वर्तमान में गेहूं की सरकारी खरीद चलने से गेहूं की  कीमतों में अपेक्षित मंदी नहीं आ पाई है। जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं 1850 से 1875 रुपए प्रति क्विंटल में व्यापार हो रहा है। शॉरटैक्स गेहूं के भाव घटकर फिलहाल 2100 से 2400 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए हैं। इस वर्ष बिजाई अधिक होने तथा मौसम अनुकूल रहने से देश में गेहूं का उत्पादन 1065 लाख टन के आसपास होने का अनुमान है, जो कि पिछले साल की तुलना में करीब 50 लाख टन ज्यादा है। मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि देश में गेहूं की सरकारी खरीद 16 अप्रैल से प्रारंभ हो गई थी। देश भर में अभी तक एफसीआई ने 11.78 लाख टन गेहूं की खरीद कर ली है। इसी प्रकार राज्य की एजेंसियों द्वारा भी अब तक करीब 131.21 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है। इस प्रकार देश में अभी तक सरकार 143 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर कर चुकी है। हालांकि गेहूं का सरकारी खरीद लक्ष्य 400 लाख टन है।

जानकारों का कहना है कि केन्द्रीय पूल में पूरे देश का लगभग 50 फीसदी गेहूं अकेले पंजाब से आ रहा है। वर्तमान में गेहूं की खरीद युद्ध स्तर पर चल रही है। यद्दपि कोरोना महामारी के कारण गेहूं की खरीद में एजेंसियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। राजस्थान की मंडियों से उत्तर प्रदेश की रोलर फ्लोर मिलों के लिए 1970 रुपए प्रति क्विंटल में मिल पहुंच व्यापार हो रहा है। हालांकि लेबर प्रॉब्लम के चलते राजस्थान की उत्पादक मंडियों में गेहूं की आवक कम हो रही है। गेहूं खरीद के लिए सरकारी कांटे कृषि उपज मंडियों के अलावा गौण मंडी क्षेत्र तथा गांवों आदि में भी लगाए गए हैं। व्यापारियों के अनुसार आवक बढ़ने के साथ गेहूं की कीमतों में अभी गिरावट के संकेत हैं।