ऊंचे भावों पर डिमांड नहीं, देशी घी 600 रुपए प्रति टिन टूटा

कीमतों में लगातार मंदी के चलते घी कारोबारियों को भारी नुकसान

जयपुर, 15 मई। ऊंचे भावों पर इन दिनों देशी घी की डिमांड नहीं के बराबर है। और यही कारण है कि ब्रांडेड घी के भाव निरंतर टूट रहे हैं। एक-डेढ़ माह में देशी घी लगभग 600 रुपए प्रति टिन तक सस्ता हो गया है। राजधानी कृषि उपज मंडी कूकरखेड़ा स्थित देशी घी के प्रमुख ब्रोकर दिनेश जाजू ने बताया कि लगातार मंदी के चलते देशी घी कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। भोलेबाबा फूड्स का कृष्णा घी वर्तमान में नीचे आकर 8175 रुपए तथा लोटस 9000 रुपए प्रति 15 किलो टिन पर घटाकर बेचा रहा है। डेयरी प्लांटों को मिलने वाले दूध के दाम भी घटकर फिलहाल 53 रुपए प्रति लीटर के आसपास रह गए हैं। इसे देखते हुए घी के दामों में और गिरावट के संकेत हैं। इस बीच एक दशक बाद देश में घी और बटर का आयात करने की चर्चाएं जोरों पर हैं। क्योंकि देश में पिछले साल दूध उत्पादन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, जबकि खपत में इजाफा हुआ है। दूध उत्पादन में भारत दुनिया में पहले नंबर पर हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में दूध उत्पादन वर्ष 2021-22 में 6.25 फीसदी बढ़कर 22.1 करोड़ टन रहा। उससे पहले वर्ष 2020-21 में यह 20.8 करोड़ टन रहा था। भारत ने आखिरी बार वर्ष 2011 में डेयरी उत्पादों का आयात किया था। अब एक बार फिर देश में खासकर घी और मक्खन के आयात की नौबत आ गई है। इसकी वजह यह है कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान भारत में दूध उत्पादन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। इस कारण डेयरी प्रॉडक्ट्स की सप्लाई टाईट चल रही है। आपको बता दें भारत में स्किम्ड् मिल्क पाउडर यानी एसएमपी का वर्तमान में पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। मगर फैट, मक्खन एवं घी का स्टॉक पिछले साल के मुकाबले कम है। वर्तमान में ग्राहकी नहीं होने से देशी घी में और गिरावट के आसार प्रबल हैं।